पिछली पोस्ट से लगातार (५)
खट्टी मीठी जिंदगी के
टेढ़े मेढ़े रास्तों पर,
बात ही न्यारी है/
जिंदगी के साथ साथ
जनम लेते हैं सपने,
सपनो से हम भागें,
जिंदगी ही सपने
की तरह गुजर गयी /
बोझ सी लगने लगी
अपनी ही काया जैसे,
जीने की चाह भी
मन से उतर गई/सब इंतज़ार में हैं,
अब टूटी, तब फूटी,
काया की गागर
लबालब भर गई/
आंखे खुली रह गई
सपनो में खोई सी,
सपने मरे नहीं
लो काया मर गई/
दो दिल फिर मिलेंगे,
फिर होगा एक जनम
सपनो का सफ़र
रुका नहीं जारी है....
खट्टी मीठी जिंदगी के
टेढ़े मेढ़े रास्तों पर,
मीठे मीठे सपनो की
बात ही न्यारी है/
यही कारण है कि आपकी कविता की भी बात न्यारी है सुन्दर कविता बधाई
जवाब देंहटाएंखट्टी मीठी जिंदगी के
जवाब देंहटाएंटेढ़े मेढ़े रास्तों पर,
मीठे मीठे सपनो की
बात ही न्यारी है/ ....सुन्दर कविता बधाई
सुन्दर अभिव्यक्ति....
जवाब देंहटाएंमंगलवार 15- 06- 2010 को आपकी रचना ( आदमी भला सा लगता है )... चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर ली गयी है
http://charchamanch.blogspot.com/
वाह! बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंकहना था आपसे.... आप देश की सेवा कर रहे हैं देश से बाहर रह कर ... हम आपके और आपके परिवार जनों के आभारी हैं...
धन्यवाद स्वीकार कीजिये..
सपनो का सफ़र
जवाब देंहटाएंरुका नहीं जारी है....
खट्टी मीठी जिंदगी के
टेढ़े मेढ़े रास्तों पर,
मीठे मीठे सपनो की
बात ही न्यारी है/
--
बहुत सुन्दर ढंग से सपनों को रचना में पिरोया है आपने!
दो दिल फिर मिलेंगे,
जवाब देंहटाएंफिर होगा एक जनम
सपनो का सफ़र
रुका नहीं जारी है....
ये सफ़र यूँ ही जरी रहे ......!!
प्रयास बहुत अच्छा है...
जवाब देंहटाएंदो दिल फिर मिलेंगे,
जवाब देंहटाएंफिर होगा एक जनम
सपनो का सफ़र
रुका नहीं जारी है....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
जवाब देंहटाएंहां सपने तो कभी नही मरते .......रहते ही हैं ......जारी ही रहता है सफर सपनों का .......और शायद इसलिए ही जिंदगी का .सरल शब्द चयन और वाक्य विन्यास कविता को और भी प्रभावी बना रहे हैं !
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