a humble effort to express myself
कोई चिड़िया पेड़ पर जब घोसला बनाती है,तिनके आसपास, रखके आता हूँ अभी तक! ----------------------------------------पूरा महाकाव्य तो उपरोक्त दो पंक्तियों में ही समाया हुआ है! ----------------------------------------
दिल लगाने क़ी खता एक बार की थी,सजा मगर हर रोज पाता हूँ अभी तक,...vaah chhoti magar sundar rachna.
..... बहुत सुन्दर !!!
waah...umda chah!
pawan ji aapki rachna ek anant sa parwaah liye hai
सकारात्मक सोच है।
दिल लगाने क़ी खता एक बार की थी,सजा मगर हर रोज पाता हूँ अभी तक ...बहुत खूब ... ये तो इश्क़ में होना ही है .... लाजवाब शेर है ....
बहुत खूब..
are wah!bahut khoob :)http://liberalflorence.blogspot.com/
सकारात्मक विचार लिए सुंदर रचना....
आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ बहुत सुन्दर रचना , बधाई ......
कोई चिड़िया पेड़ पर जब घोसला बनाती है,
जवाब देंहटाएंतिनके आसपास, रखके आता हूँ अभी तक!
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पूरा महाकाव्य तो
उपरोक्त दो पंक्तियों में ही समाया हुआ है!
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दिल लगाने क़ी खता एक बार की थी,
जवाब देंहटाएंसजा मगर हर रोज पाता हूँ अभी तक,
...vaah chhoti magar sundar rachna.
..... बहुत सुन्दर !!!
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जवाब देंहटाएंpawan ji aapki rachna ek anant sa parwaah liye hai
जवाब देंहटाएंसकारात्मक सोच है।
जवाब देंहटाएंदिल लगाने क़ी खता एक बार की थी,
जवाब देंहटाएंसजा मगर हर रोज पाता हूँ अभी तक ...
बहुत खूब ... ये तो इश्क़ में होना ही है .... लाजवाब शेर है ....
बहुत खूब..
जवाब देंहटाएंare wah!
जवाब देंहटाएंbahut khoob :)
http://liberalflorence.blogspot.com/
सकारात्मक विचार लिए सुंदर रचना....
जवाब देंहटाएं..... बहुत सुन्दर !!!
जवाब देंहटाएंआज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ बहुत सुन्दर रचना , बधाई ......
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