रविवार, 9 मई 2010

बारिश


कहीं टूटे पत्ते ,
कहीं बिखरे पुष्प,
कहीं कलियों का
स्नान है .
यह बारिश भी,
किसी के लिए जीवन,
किसी के लिए
अंत का फरमान है.

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