सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

अभिष्ट गीत












मुझे अभिष्ट है ऐसा गीत,
जो ज्वलंत प्रश्न उठाता है.
सोच की पौध सींचता है जो,
दाद भले नहीं पाता है.

अब्दुल्ला और  राम की कहता,
संध्या और अजान की कहता,
जो मस्जिद में खुदा और
मंदिर में भगवान् बुलाना चाहता है,

सम्रद्धि शोषण के दम पर ही हो,
ऐसा ही नहीं होता हर बार ,
स्वस्थ विकास से प्रेरणा लेता है,
सिर्फ दोष नहीं गिनवाता है.

चाक के आगे, सूत के धागे,
श्रम जहाँ स्रजनरत हो,
गीत वो यूँ बनता है ज्यों शिल्पी,
स्रष्टि नयी रचाता है.

जिसकी चिंता गिरते मानवीय मूल्य
रिश्तों के टूटते कवच,
घर की दीवारों के अन्दर भी
अब चीरहरण हो जाता है.

भोग्य नहीं नारी जननी है,
बेटी, पत्नी और बहन भी,
नर नहीं नर पिशाच है,
जो उसके बचपन को भरमाता है,

छुआछुत की रेखा गहरी है,
पर प्रेम के आगे कब ठहरी हैं,
राम, सबरी और बाल्मीकि का
कितना सुन्दर नाता है.

सभ्यता के संक्रमण काल में,
चाह उसे ऐसे यौवन की,
दर्द जमाने का बांटे जो,
नहीं भँवरे सा इठलाता है.

यह कंटक पथ गुजरे,
गीत सुखद धरातल पर पहुंचे,
तन्हाई में बैठा 'पवन'
ऐसी दुनिया के ख्वाब रचाता है.



6 टिप्‍पणियां:

  1. प्रिय बंधुवर पवन धीमान जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    चाक के आगे, सूत के धागे,
    श्रम जहां सृजन्रत हो
    गीत वो यूं बनता है ज्यों शिल्पी,
    स्रष्टि नयी रचाता है

    विविध भाव बिंब लिये हुए अच्छा नव गीत लिखा है आपने … बधाई !
    … और मंगलकामनाएं !

    प्रणय दिवस सप्ताह भर पहले था तो क्या हुआ … बसंत ॠतु तो अभी बहुत शेष है ।
    मंगलकामना का अवसर क्यों चूकें ?
    प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !

    ♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥
    बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  2. भोग्य नहीं नारी जननी है,
    बेटी, पत्नी और बहन भी,
    नर नहीं नर पिशाच है,
    जो उसके बचपन को भरमाता है,

    कविता क्या सुउपदेशों की खान है .....
    पवन जी आपकी लेखनी महान है .....

    छुआछुत की रेखा गहरी है,
    पर प्रेम के आगे कब ठहरी हैं,
    राम, सबरी और बाल्मीकि का
    कितना सुन्दर नाता है.....

    प्रेम का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है .....
    बहुत सुंदर गहन अभिव्यक्ति ......

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  3. pawan ji lambe samayantral ke baad ek sahaj-satik abhiyakti laye hai aap..bilkul sehmat hoon..!

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  4. सभी विद्वजनों की प्रेरक टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

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  5. बाहुत ही सुंदर प्रस्तुति .....धन्यवाद

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